मेरे सास-ससुर की 50वीं सालगिरह 2005 में थी, मगर तब हम वायुसेना स्थल, बिह्टा- पटना के पास- में थे. अतः 2006 में हमने उनकी 51वीं सालगिरह मनायी. गायत्री परिवार वालों के सौजन्य से हवन हुआ, विवाह की रस्मों को दुहराया गया और फिर छोले-भटूरे, रायता का जलपान हुआ, जिसे हमलोगों ने खुद ही अपनी रसोई में बनाया. कुल-मिलाकर कार्यक्रम बहुत ही अच्छा रहा था.